घरेलू हिंसा, 125 CRPC एवं धारा-498ए का गैरवापर रोककर पारिवार एवं कुटुंबसंस्था बचाने क़े लिये जयपूर में लीगल सेमिनार क़े जरिए पुरूष आयोग की माँग का एल्गार !
पुणे/जयपूर - पुरुषों के हक्क तथा अधिकार संरक्षण क़े लिये पुरूष आयोग की मांग को लेकर पुरुषोंकी बढती आत्महत्या रोकने तथा कुटुंबसंस्था बचाने हेतू 5 जनवरी 2020 को लीगल सेमिनार Mens Rights Foundation Welfare Society की ओर से स्वामी सर्वांनंद हॉल, सिकर हाऊस, हांजी कॉलनी, जयपूर, राजस्थान में किया था ! पारिवारिक जीवन एवं कुटुंबसंस्था और विवाहव्यवस्था कानून क़े दुरूपयोग से ऊध्वस्थ हो रही है ! उसको बचाने क़े लिये घरेलू हिंसा अधिनियम, IPC धारा 498 ए, 497 ,CRPC धारा-125, आदी कानून क़े मिसयूज़ से भारतमें जादा संख्या में पुरूष और उनके घर वाले प्रताडित होने से पुरुष आत्महत्या करते है! दिन ब दिन पारिवारिक जीवन और परिवार संस्था बिगडने से परिवार क़े बुजुर्ग तथा बच्चो पर विपरीत परिणाम होते है! इसको रोकने क़े लिये पुरुष मंत्रालय और पुरूष आयोग गठित होना बहुत जरूरी है ! इसपर ध्यान देते हुए पुणे में कॉन्फरन्स का आयोजन अँड.संतोष शिंदे, अध्यक्ष-पुरूष हक्क संरक्षण समिती, पुणे और राष्ट्रीय सह सचिव- मेन्स राईट्स फौंडेशन वेलफेअर सोसायटी इन्होने किया था ! इसमे पुणे उपाध्यक्ष सौ.संगीता ननावरे, सचिव-प्रसाद पंचपोर, ललित ठाकूर, तेजस नाईक आदी उपस्थित थे !
लीगल सेमिनार में अँड.संतोष शिंदे, पुणे अँड.राजेश नेमा, मध्यप्रदेश, अँड.निशांत कुमार, दिल्ली, अँड आयुष गुप्ता, दिल्ली अँड.जिनेश सोनी, राजस्थान अँड शम्मी सुधाकर, दिल्ली .यह अतिथियोंने कानूनक़े गैरवापर एवं कानून का कैसे उपयोग करे इसकी जानकारी दी !
लीगल सेमिनार में अँड संतोष शिंदे जी ने बताया की, पिछले कई सदीयोण्से पुरे भारत में बवाल उठा है की, भारत में पुरूष प्रधान संस्क्रुती है, इससे महिलाओंपर सदीयोण्से पुरूष ज़ुल्म करते आये है ! और इसलिए महिलाओंकी सुरक्षा क़े लिये उपरोक्त कानून अब तक बनते आये है! लेकिन पिछले 1-2 दशको में भारी संख्या से महिलाएं अपने पती और अन्य पुरुषोपर झुटे आरोप लगाकर उनको प्रताडित करती है ! इससे एक ही नहीं बल्कि झुटे केसेस लगाने से सास-सासुर, नणंद, जेठाणि इन्हिक़े परिवार उध्वस्थ होते है ! मानो महिला ही महिलाओंकी दुश्मन बनी है ! लेकिन स्वातंत्रपूर्व काल में पती क़े मरने क़े बाद उसकी पत्नी को चिता में जलकर मरने की प्रथा राजाराम मोहन रॉय इन्हिने बंद कर दी ! विधवा महिला को पुनर्विवाह करने का अधिकार नहीं था, तब धोंडो केशव कर्वे जी ने विधवा से शादी करके नया इतिहास खडा किया! महात्मा ज्योतिबा फुले जी ने अपनी पत्नी सावित्रीबाई को पढाकर शिक्षिका बनाकर लड़कियों क़े लिये पहला स्कूल शुरू किया ! और ऐसे की उदाहरण है जैसे की आनंदीबाई को उनके पती ने डॉक्टर बनाया, महिलाओंका केशवपन करने को इन्कार कराने वाले पुरूष ही थे, इतना सहयोग पुरुषोंने दिया तो पुरूष प्रधान संस्क्रुती कैसे है और थी ऐसा प्रश्न अँड संतोष जी ने खडा किया! इसके अलावा डोमेस्टिक व्हायलन्स अँक्ट का मिसयूज़ कैसे महिलाओं द्वारा किया जा रहा है , और इससे कैसे बचे और केस में विजय प्राप्त करे, इसके बारे में सब धाराओं का विश्लेषण एवं नुस्खे केस लॉ क़े जरिए बताए ! इसी तरह अन्य कानून क़े बारे में अँड संतोष शिंदे जी और उपरोक्त अन्य वकीलो महोदय इन्हिने भारत क़े कोने-कोने से आये पीडित पुरुष एवं महिलाओं को भी अवगत कराया !
सेमिनार का उद्देश्य था की, कानून में जो त्रुटि है उनका रिपोर्ट सरकार को करें , धारा 498 ए और घरेलू हिंसा अधिनियम का एक हथियार क़े तौर पर महिलाएं गैरवापर करती है ,इसकी जानकारी विधायक और सरकार को रिपोर्ट करें और जब तक सरकार केंद्रीय पुरुष आयोग, पुरूष मंत्रालय का गठन नहीं करती तब तक पुरे भारत में ऐसे प्रोग्राम लेकर जनजाग्रुती का कार्य करते रहेंगे ! इसके उपलक्ष में सबसे बडे बेनर पर पुरूष आयोग क़े लिये हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है ! उसके लिये हस्ताक्षर मुहीम भी सेमिनार क़े दिन सुबह चलाई गयी ! इसमे भारी संख्या में पिडितोने हिस्सा लिया ! अँड संतोष शिंदे जी भारत की पहलि नोंदणीकृत संस्था पुरूष हक्क संरक्षण समिती क़े पुणे अध्यक्ष का कार्य पिछले 22-23 सालोन्से पुरे महाराष्ट्र और इसके अलावा भारत क़े 13-14 राज्योंमें कार्य करती है ! यह समिती 1996 में नाशिक में अँड धर्मेंद्र चव्हान इन्हिने स्थापित की ! पुरूष हक्क संरक्षण समिती हर साल राष्ट्रीय अधिवेशन, पुरुष अदालत, पुरुष गर्जना, पुरूष व्यथा इन्हि नामों से चर्चासत्र और परिसंवाद भी लेती है ! धारा -498 ए है वैसा धारा -498बी हो जिससे पती और उसके घरवाले भी पत्नी क़े विरुध्द केस दाखिल कर सके ! और न्याय माँग सके ! और डोमेस्टिक व्हायलन्स अँक्ट में बदलाव आये पती या उसके घरवाले भी केस कर सके ऐसा प्रावधान होना चाहिए, पती को भी भरण-पोषण रक्कम मिलनी चाहिए इसीलीये समिती पिछले कई सालोसे कार्यरत है ! परिणाम स्वरूप 29 में 2010 को महाराष्ट्र में परिपत्रक जारी कराने में समिती यशस्वी हुई जिससे अब धारा -498ए में पती य़ा उसके घरवालोंको अरेस्ट नहीं होगी, उसमें पहले काउंसिलिंग होगा उसके बाद अरेस्ट क़े बारे में सबूत देखकर विचार किया जाएगा ! लेकिन आज भी कई पुरुष और उनके घरवालोंको अरेस्ट किया जाता है ! पिछले साल माननीय सर्वोच्च न्यायालय क़े सरन्यायाधीश इन्हिने ऑर्डर दिया की , 498 ए में पती और उसके घरवालोंको तुरन्त अरेस्ट करे, और पत्नी पती की मालमत्ता नहीं है ! ज्यो की विवाहित स्त्री अपने पती क़े अलावा कितने भी गैर मर्द से सबंध रखे हो उसे गुन्हा नहीं माना जाएगा ! इसी ऑर्डर से भारत की कुटुम्बसंस्था एवं विवाहव्यवस्था उध्वस्थ होने लगी है , इससे कई पुरूष आत्महत्या करते है और उन्हे मार भी दिया जाता है ! महिलाओं की तुलना में पुरुषोंकी आत्महत्या का प्रमाण बढ़ा है! और झुटे केसेस लगाकर पुरुषोको प्रताडित करने का भी ! यह बहुत चिंताजनक है,परिवार बचाने हेतू पुरूष आयोग एवं पुरूष मंत्रालय का त्वरित गठन होना बेहद जरुरी है , अगर सरकारने हमारी बात नहीं सुनी हो हम सब मिलकर पुरे भारत में ये कार्य जौरौ से करके सरकार को हमारी मांगे तुरन्त किए जाने क़े लिये जोर लगायेन्गे ! और पुरे भारत में ऐसे लीगल सेमिनार लगातार लेते रहेंगे, ऐसा अँड संतोष जी ने बताया ! लीगल सेमिनार यशस्वी कराने हेतू मेन्स राईट्स फाउंडेशन वेलफेअर सोसायटी क़े राष्ट्रीय अध्यक्ष-सईद तारिक अली, भोपाळ, राष्ट्रीय सचिव-प्रग्येश गर्ग, जयपूर, राष्ट्रीय सह सचिव-अँड संतोष शिंदे, पुणे , राष्ट्रीय ट्रेजरर-मुररीलाल शर्मा, अँड मयांक दुबे, मनोज जैन, गजाधर सायकल यात्री आदी ने मेहनत की ! इसके आगे कानपुर, जिंद-हरियाणा, भोपाळ, कोटा आदी शहरों में भी लीगल सेमिनार तय हुए है ! इस क़े लिये सम्पर्क हेतू अँड संतोष शिंदे- 7507004606, प्रग्येश गर्ग-7665486000 पर सम्पर्क करे और ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठाए ऐसा आवाहन अँड संतोष शिंदे, तारिक अली, प्रग्येश गर्ग आदी ने किया है !